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Wednesday, January 29, 2025

जानिए ग्रहों की दशा से भी परे सबसे महत्वपूर्ण चीज क्या है? / नाराज हो जाते हैं पितर

जानिए ग्रहों की दशा से भी परे सबसे महत्वपूर्ण चीज क्या है...? / नाराज हो जाते हैं पितर...!

जानिए ग्रहों की दशा से भी परे सबसे महत्वपूर्ण चीज क्या है...?

प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी से हो चुका है, और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा।


प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी से हो चुका है, और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। 

संगम नगरी में लगे इसे महाकुंभ में देश दुनिया से लाखों की संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत और पर्यटक पवित्र डुबकी लगाने आ रहे हैं। 

मान्यता है कि महाकुंभ के इस भव्य आयोजन में डुबकी लगाने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति का आगमन भी होता है। 

इसी बीच 25 जनवरी 2025 यानी की आज महाकुंभ नगर में अमर उजाला और उससे जुड़े उपक्रम जीवांजलि और माय ज्योतिष की ओर से 'अमर उजाला ज्योतिष महाकुंभ महोत्सव' का आयोजन किया जा रहा है जहां कई ज्योतिषाचार्य शामिल होने के लिए आएं है, यहां सभी ज्योतिष शास्त्र के अद्भुत विज्ञान और इसकी गहराई पर अपनी राय रख रहे हैं, 

इस दौरान ज्योतिषाचार्य प्रभु ने अपनी बात रखते हुए लाल किताब के रहस्यमय संसार के बारे में जिक्र किया....!

लाल किताब क्या है....?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लाल किताब ज्योतिष की प्रमुख शाखा है, जो भारतीय ज्योतिष पर आधारित है। 

माना जाता है कि इस लाल किताब में कुंडली दोष और जीवन की समस्याओं को सुलझाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। 

फॉर्मूला आधारित है ज्योतिष :

लाल किताब विशेषज्ञ पंडारामा ज्योतिषाचार्य प्रभु राज्यगुरु ने कहा कि इस समय आकाश में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है कि महाकुंभ की धरती पर जो पानी है, वह अमृततुल्य है। 

यहां त्रिवेणी है। 

जब इंसान ग्रहों की अलग - अलग स्थिति में जन्म लेता है, तो इससे उसकी सोच दूसरों से अलग हो जाती है। 

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए पंडारामा ज्योतिषाचार्य प्रभु राज्यगुरु ने कहा कि आजकल ज्योतिष विज्ञान में कई लोग यह गलती कर देते हैं कि वे एक घर के अंदर बैठे ग्रह के फल को पढ़ देते हैं। 

ज्योतिष असल में एक विज्ञान है एक गणित है जो भी इसके फॉर्मूले समझ जाएगा, वह ज्योतिष विज्ञान समझ पाएगा।

संस्कार की परिभाषा का किया जिक्र :

ऋषि-मुनियों ने ग्रहों की दिशा से अलग हमें एक महत्वपूर्ण चीज बताई, जिसका नाम है संस्कार।

पंडारामा ज्योतिषाचार्य प्रभु राज्यगुरु ने कहा कि जब तक हम किसी चीज की गहराई में नहीं उतर जाते है तब तक उसके बारे में पूरा ज्ञान नहीं मिल पाता। 

आजकल लोग व्यसनों से जूझ रहे हैं और बच्चे बिगड़ रहे हैं। 

ऐसा ना हो इस लिए ही संस्कार बनाए गए थे।

जिनके ग्रह खराब हैं, उनके आचार-विचार को भी नियंत्रण में रखा जाए, इसी के लिए संस्कार बने थे। 

दुनिया में बड़ी सोच वाले लोग सिर्फ 20 फीसदी है, उनमें भी श्रेष्ठ विचार रखने वालों की संख्या एक-दो फीसदी ही है। 

दुनिया में आज नासमझों की भीड़ बहुत ज्यादा है।

नाराज हो जाते हैं पितर मौनी अमावस्‍या के दिन भूलकर भी न करें ये काम, लगता है पाप....!


माघ मास की अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या कहते हैं। 


इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने और दान पुण्‍य के कार्य करने का विशेष महत्‍व होता है। 


इस साल मौनी अमावस्‍या पर श्रद्धालुओं को कुंभ स्‍नान का परम पुण्‍य प्राप्‍त होगा। 


मौनी अमावस्‍या पर मौन व्रत रखने के साथ ही कुछ खास नियमों का पालन करना भी अनिवार्य माना जाता है। 


आइए आपको बताते हैं कि मौनी अमावस्‍या पर कौन सी गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए।


मौनी अमावस्‍या है और इस बार मौनी अमावस्‍या पर महाकुंभ का अद्भुत संयोग बना है। 

इस दिन गंगा स्‍नान और दान पुण्‍य जैसे धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्‍व होता है। 

मौनी अमावस्‍या पर व्रत करने और पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्‍मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से आपको जीवन में तरक्‍की प्राप्‍त होती है। 

इस बार तो लोगों को मौनी अमावस्‍या पर कुंभ स्‍नान करने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हो रहा है। 

मौनी अमावस्‍या पर मौन व्रत रखने का महत्‍व शास्‍त्रों में बहुत खास माना गया है। 

साथ ही इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन भी किया जाता है। 

तो आइए आपको बताते हैं कि मौनी अमावस्‍या के नियम और किन बातों का रखें विशेष ध्‍यान।

मौनी अमावस्‍या पर क्‍या करें :

मौनी अमावस्‍या पर बिना अन्‍न जल ग्रहण किए अनाज का दान करें।

मौनी अमावस्‍या पर ब्राह्मणों को भोजन करवाने का खास महत्‍व होता है। 

अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम एक व्‍यक्ति के खाने की मात्रा के अनुसार काली उड़द और चावल दान करें। 

साथ ही तिल और गरम वस्‍त्रों का भी दान करें। 

साथ ही उसमें कुछ सामर्थ्य के अनुसार धन राशि भी दान करें। 

ऐसा करने से आपकी ग्रह दशा में सुधार होता है और आपको पितरों की कृपा प्राप्‍त होती है।

मौनी अमावस्या पर गाय, कुत्ते और कौवे जैसे जानवरों को खाना खिलाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। 

इस दिन ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। 

मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

मौनी अमावस्‍या पर घर में सत्‍य नारायण भगवान की कथा करवाने से घर में नकारात्‍मक शक्तियों का अंत होता है और आपके परिवार में सुख शांति बढ़ती है।

मौनी अमावस्‍या पर सुबह के वक्‍त पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम में सरसों के तेल का दीपक भी जलाएं। 

साथ ही इस‍ दिन नदी में दीपक प्रवाहित करना भी शुभ माना जाता है। 

इसके साथ ही घर में लगी पूर्वजों की तस्‍वीर के पास भी दीपक जलाना चाहिए!

अमावस्‍या तिथि पितरों को समर्पित होती है इस लिए दक्षिण दिशा में शाम के वक्‍त सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं और साथ ही मुख्‍य द्वार पर दोनों तरफ 2 दीपक भी जलाकर रखें।

मौनी अमावस्‍या पर क्‍या न करें : 

मौनी अमावस्या पर लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। 

इस दिन कुछ तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। 

ऐसा माना जाता है कि इससे पितरों को कष्ट होता है।

पितरों की आत्मा की शांति के लिए उन्हें याद करते समय कुछ भी नकारात्मक नहीं बोलना चाहिए। 

कुत्ता, गाय और कौवे जैसे जानवरों को भी परेशान नहीं करना चाहिए।

पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य करना बहुत महत्वपूर्ण है। 

ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

साफ - सफ़ाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

घर के आस - पास गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। 

इस दिन स्वच्छता का महत्व है। 

यह माना जाता है कि स्वच्छ वातावरण सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

ज्योतिषाचार्य पंडारामा प्रभु राज्यगुरु 
ऑन लाइन/ ऑफ लाइन ज्योतिषी 

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