सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश
छुटाछेड़ा
( डायवोर्ष ) और जन्म कुंडली....?
दाम्पतीय जीवन के लेख के बाद मुझे मेरा अमुक मित्रो से ऐशी पेरणा मिली है वाही कहेता था
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आप छुटा छेड़ा के बारे मे कोई लिख तैयार कर सकते है जो आप के अनुभव मे आया है .,
पति - पत्नी का दाम्पतीय जीवन बहुत महत्व पूर्ण सवेदन शील होता है,
एक दुश्ररा से प्रेम , लागणी, समज, त्याग, या बलिदान, पर आधारित होता है,
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उपरोक्त किशी भी वस्तुऔ मे उणाप या मतभेद होता है,
तब प्रॉब्लम शुरू होता है ,
कभी कभी छोटा छोटा कारणों मे से बड़ा सवरूप पकड लेता है,
तब होता है,
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लग्नजीवन भगानकी शक्यताऔ बनती है,
पति - पत्नी के कुटुम्बिओं के बिच मे घेरा मतभेद , शंका भी लग्न विच्छेद का कारण बनता है,
लग्न
विच्छेद ग्रहों खास कर के मगल , शनि और राहू जयादा भाग भजता है,
इस मे कभी कभी मगल मारा मरी झगड़ा जेशा
हिशक परिस्थिति का भाग भजते है,
जन्मकुंडली मे सप्तम स्थान लग्न जीवन का स्थान है,
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और सप्तम से बारमा स्थान वाही
जन्म कुंडली का छठु स्थान भी लग्न जीवन के लिए देखना पड़ता है,
जन्मकुंडली मे छठा + सप्तम का
जोडान मगल - शनी - राहू से जुड़े तब परिस्थिति पैदा होती है,
इसे भी उपरांत दुश्ररा योगो बहुत
जयादा भाग लेते है, और
लग्न विच्छेद ला शकते है,
छुटाछेड़ा (
डायवोर्ष ) के योग
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1 .
शनि - मगल ( बंधन योग ), शनि - राहू ( श्रापित दोष ), शनि - सूर्य ( विष योग ), सूर्य - मगल ( अगारक योग ) , मगल - शुक्र , शनि - शुक्र , शुक्र - राहू और सूर्य - शुक्र
जेशी युतिऔ सप्तम भाव के साथ, व्यय भाव के साथ
या सप्तम से व्यय भाव से या सप्तम से दुश्ररा के बिच मे सबंध रखते है ,
2 .
सप्तम भाव से व्ययेश या मारकेश का सबंध एटले
कुंडली का छठा और अष्टमेश का सप्तम के साथ सबंध
3 .
कुंडली मे सूर्य - मगल (अगारक योग ), गुरु - राहू ( चांडाल योग ), छुटाछेड़ा के लिए महत्व का भाग लेते है,
4 .
सप्तम भाव , सप्तमेश या कारक
शुक्र के साथ पाप ग्रहों जैसे शनि , राहू या मगल का
सूर्य के सबंध मे अथवा लग्नेश या सप्तमेश खड़ा माँ पाप ग्रहों से पीड़ित ,
5 .
सप्तमेश - षष्ठेश या सप्तमेश - अष्टमेश की युति
द्रष्टि या परिवर्तन या अन्य सबंध
6 .
कुंडली मे दुश्ररा भाव एटले कुटुंब भाव को
नुकशान कारक साबित होते है,
7 .
शुक्र के घर मे मगल ( वृषभ या तुला ) या मगल के
घरमे शुक्र ( मेष या वृचिक ) अथवा शांत स्वयं शुक्र मगल की राशी मे ऊपर के योगो को
भाग लेते है ,
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छुटाछेड़ा ( डाय वोर्ष ) के लिए ऊपर दिया लिखी योगो
देखनी जरुरी है,
उदारण कुंडली ०१ .
पुरुष जातक
लग्न . सूर्य .
चन्द्र . मगल . बुध . गुरु . शुक्र . शनि. राहू, केतु .
02. 06. 08. 06. 05. 06. 07. 08. 07. 01.
ये वृषभ लग्न की
कुंडली मे चतुर्थेश स्थान मे सिह का बुध, पच्मेश स्थान मे कन्या का गुरु , सूर्य और मगल की
युति , छठा स्थान मे तुला का राहू - शुक्र की युति , सप्तमेश स्थान मे वृचिक का चन्द्र - शनि की
युति , बारमे स्थान मे मेष का केतु ,
चालित मे मगल छठे
स्थाने आते है, और सूर्य -बुध
परिवर्तन योग इस लिए गुरु , सूर्य , मगल और बुध परस्पर
जोडाते है,
सप्तमेश मे
विष राशि मे बांधकेश शनि , सप्तमेश
मगल चालित मे छठे खड़ा मे तेमज अस्त का और शुक्र - राहू के साथ जुडाते है,
कारक शुक्र खड़ा मे राहू - मगल के
साथमे , लग्न
पर शनि की दर्ष्टि और लग्नेश खड़ा मे चन्द्र - शनि का विष योग बनता है ,
पच्मेश मे सूर्य - मगल का अगारक
योग बनाता है , एषा
सप्तम भाव सुदर्शन लग्न निर्बल करता है,
षष्ठेश - सप्तमेश
चालित मे शुक्र - मगल की युति सप्तमभाव के साथ सबंध,
अष्टमेश - सप्तमेश
गुरु -मगल की युति सप्तमभाव के साथ सबंध,
सूर्य - मगल का
अगारक योग छूटाछेड़ा ( डायवोर्ष ) के लिए भयानक युति सप्तमभाव के साथ सबंध,
शुक्र - मगल चालित
मे खड़ा मे विष योग, कामी , सप्तमभाव के साथ सबंध,
शनि - मगल , शनि मगल की राशि मे बिराजमान हिन् चरित्र और
झगड़ा करने वाला ,
शुक्र - राहू
उतरती जाती के साथ सबंध,
चालित मे तुला का मगल वृचिक का शनि भारे लंपट,
इस जातक बहुत उतरती जाती के साथ
प्रेम लीला चालू राखी वाही जातक का लग्न के बाद उसका सब परिवार वालो को पता चल गया
था,
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और
उसका संसार मे बहुत झगड़ा हुवा अन्ते छूटाछेड़ा (
डायवोर्ष ) हुवा ,
PANDIT PRABHULAL P.
VORIYA RAJPUT JADEJA KULL GURU :-
PROFESSIONAL
ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
SHREE
SARSWATI JYOTISH KARYALAY
(2
Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Shri Albai Nivas ", Near Mahaprabhuji bethak,
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Jamkhambhaliya - 361305 Gujarat – India
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आप इसी नंबर पर संपर्क/सन्देश
करें...धन्यवाद..
नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या
आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश..
राधे
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