सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता, किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........
जय द्वारकाधीश.
केमद्रुम योग से धनवान निर्धन बनता हे .?
चन्द्र ज्योतिष महर्षियो ऐ मन का अधिपति माना गया हे, और आप की मानशिक विचारसारणी, बुध्धि, मानशिक वालाण, इन्छाओ विगेरे पर चन्द्र के प्रभाव हे ,
परिणाम चन्द्र जो शुभ और बलवान जरुरी होते हे ,
जो जातक के चन्द्र शुबहा हो तो शुभ विचारो और अच्छी सारी प्रकृति भी मिलती हे
जब चन्द्र अशुभ हो तो सब नष्ट प्रकृति भी हो जाता हे, और अशुभ विचारों भी आता हे,
हरेक मनुष्य कर्मफल के बंधार्नमें जुड़े हुवे हे जेशे विचार जेशी इन्छाओ एशा ही फल मिलता हे जिश जातक के शुभ विचार हो शुभ इन्छाओ हो तो शुभ फल भी मिलता हे ,
इस में एक कहावत हे जेसा कर्म एषा परिणाम भी मिलता हे,
ये इस जगत के शार्स्वत परिणाम हे जो कोय जातक किसी खता में चोरी करता हे जातक को पता हे कोय नही हे या में कोय गोल माल करता हू
किसी के पता नही चलता लेकिन भगवान को ही पता चलता हे तुर्ताज जाताक के उसका फल दे देता हे,
किसी व्यक्ति एषा ही न माने में कुचा करता हू किसी को ही पता नही चलता
लेकिन उसका फल तो तुर्ताज मिलजाता हे
उसके पता व्यक्तिसे ही नही लगता के ये क्या हुवा हे, और ग्रहों के प्रभाव और प्रभाव वंश होने के बाद उसका फल मिलता हे,
इस शास्त्र मुलभुत रिते कर्मवाद की थियेरी के आधार पर हे,
नशीबवाले प्रोत्सहन देता नही हे जब ज्योतिषियो वाही आगाही करता हे
वाही आम कर्मफल के दर्शन होते हे,
कर्म के मूल विचार इन्छा हे इन्छा के मूल कारक चन्द्र हे
चन्द्र की स्थिति पर ही जातक की प्रकृति वर्तणुक सब मालूम हो जाता हे,
समज में आजाता हे वाही केसे विचार और किश कारण से ही ये हवा हे सब पाटा चाल जाता हे,
इस के अनुभव करके ही एक अनुभवी ज्योतिष फल बताता हे,
ये वैग्नानिक हे , और ग्रहों के भरमान वैश्विक वतावरन से ही असर पर आधार रखता हे,
इस पर जातक के मन पर असर करता हे,
इस अशर के दिखता हे ये ज्योतिष शास्त्र हे ,
ज्योति ये हे प्रकाश ये खगोल मंडल ( निहारिका ) या अवकाश में रहेने वाला आबजो पूजो से ही अशर जनसकता हे ,
चन्द्र दुर्सित होते हे तब जातक के मानशिक अशांति व्यथा , लक्ष्मी ( धन ) व्यय और रझलपाट भार्या अस्थिर जीवन मिलता हे ,
ज्योतिष शास्त्र प्राचीन ग्रंथो में भी केमेंद्रुम योग दिया हवा हे ,
चन्द्र से दुशरे या बारमे स्थान में जब किसी शुभ ग्रह न होता हे तब केमेंद्रुम योग बनता हे ,
इस योग में जन्म लेनेवाला जातक निर्धन रहेता हे या बहुत महेनत कर के कमाता हे
तो भी धन मिलता हे लेकिन कर्जा बहुत रहेता हे या वारसाय से भी मिलनेवाला धन भी इस जातक के पास रहेता नही हे,
संजोगो जी झपट में सब गुमाँ देता हे , जिश जातक की कुंडली में जो केमेंद्रुम योग होता हे और दुश्ररा योग जो लक्ष्मी योग या राज योग से भी मिलनेवाला धन भी इस के पास टिक ता नही हे ,
आखिर तक जब तक केमेंद्रुम योग के टाइम तक ये जातक निर्धन ही रहेता हे,
दाखला. :-
एक बड़ा बिजनेश मेंन दादा पर दादा से ही बहुत गर्भ श्रीमत था
इस की कुंडली में केमेंद्रुम योग था
तब बताया था आप को इस दिनक से इस दिनक तक बहुत खियाल रखना पड़ेगा नही वत सब खतम होने से बहुत आर्थिक नुकशानी के फंदे फसा जाओगे
वाही जातक जब पहेले से ही गोल्ड बाजार शेर बाजार और तेल बाजार में शुरू शरू में जब दुश्ररा ग्रहों और योग के खातिर बहुत अच्छा रूपया कमाया और जब केमेंद्रुम योग की शुरूआत हुय
तो तो थोडा थोडा कर के सब कुछ खतम कर दिया
आज बहुत गरीब आदमी बना दिया हे
जब केमेंद्रुम योग के टाइम खत्म हो चूका तो बाद में जातक के नजिक के सबंधी की सहाय से विदेश में चला गया हे और फिर सुधरने लगा हे,
एक टेक्षटाइल मिलर की कुंडली में भी केमेंद्रुम योग था
तब बताया था के साहेब आप इस दिनक से इस दिनक तक बहुत खियाल रखना जरुरी हे,
तब एक तरफ मार्केट में मंदी के पराक्रम शुरू हुवा कहा से भी इस के माल के निकाल होना बंध कचे माल के बहुत भरवा हो चूका था और कर्ज बहुत चाड चूका था
जब मंदी बहुत आगे चली गय तब जातक के विचार आया कर्ज से ही मुक्त लेने के लिए सब काचा माल बिक दिया और सांचा भी बेच दिया तो भी कर्ज से मुक्त न हुवा और सब मिल्कत बिक्दिया हे और आज दूसरे के कारखाना पे नोकरी करता हे,
केमेंद्रुम योग सेम जब तक चन्द्र की आस पास के स्थानों में पाप ग्रहों बिराजमान होता हे ,
पाप ग्रहों वही हे शनि , राहू , केतु , मगल , इस में से कोय भी ग्रह बिराजमान होने से पापकर्तरी योग बनता हे,
इस योग में जो पैदा होनेवाला जातक बहुत निर्धनता के सामना करना पड़ता हे ,
इस में निर्धनता एशी होती हे
इस में रोग , शत्रु और मानशिक कष्ट भी सहन कराता हे ,
इस लिए चन्द्र के पापकर्तरी योग ने भी केमद्रुम योग से बहुत जयादा आशुभ मन्ना पड़ता हे ,
इस लिए कहां जाता हे वही मन , वचन और कर्म पर जयादा अशर करके ही दुःख पैदा करता हे..................
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वृश्चिक राशि में बुध हो गया है मार्गी, मेष और मकर राशि के लोगों को मिल सकता है लाभ :
बुध 16 दिसंबर को वृश्चिक राशि में वक्री से मार्गी हो गया है। अब ये ग्रह 4 जनवरी 2025 तक इसी राशि में रहेगा,
इसके बाद धनु राशि में प्रवेश करेगा और फिर 24 जनवरी को मकर राशि में जाएगा।
बुध की वजह से कई लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और कुछ राशियों को लाभ मिल सकता है।
ग्रह का मार्गी होना यानी आगे की ओर बढ़ना, जबकि वक्री ग्रह पीछे की ओर चलने लगता है।
पंडारामा प्रभु ( राज्यगुरु ) से जानिए सभी 12 राशियों के लिए मार्गी बुध का कैसा असर रहने वाला है...
मेष राशि
इस राशि के लोगों की आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और सुख - सुविधा की नई चीजें खरीदने का मन बन सकता है।
इन लोगों को स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
वृषभ राशि
बिगड़े रिश्तों में सुधार हो सकता है।
जो लोग अविवाहित हैं, उन्हें विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है।
नौकरी और व्यापार में समय सामान्य रह सकता है।
मिथुन राशि
पुरानी बीमारी से राहत मिल सकती है।
अटके काम पूरे हो सकते हैं।
कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं तो काम शुरू हो सकता है।
लाभ हो सकता है।
कर्क राशि
सफलता के साथ मान - सम्मान मिल सकता है।
संतान की वजह से प्रसन्नता बनी रहेगी।
कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
सुखद समय रहेगा।
सिंह राशि
इस राशि के लिए लाभ का समय रहेगा।
भूमि - भवन से लाभ मिल सकता है।
नई चीजें खरीदने का मन बन सकता है।
नौकरी में मनचाहा काम मिल सकता है।
कन्या राशि
नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है, व्यापार में लाभ हो सकता है।
पुराने दोस्तों से बिगड़ रिश्ते सुधर सकते हैं।
तुला राशि
घर - परिवार और समाज में आपकी प्रशंसा होगी, मान - सम्मान मिलेगा।
पद लाभ मिल सकता है।
प्रेम - प्रसंग में सफलता मिल सकती है, विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
वृश्चिक राशि
पुरानी परेशानियों से राहत मिलेगी।
घर - परिवार और मित्रों की मदद से लाभ हो सकता है।
नौकरी में अधिकारियों से प्रशंसा मिल सकती है।
धनु राशि
अधिक खर्च न करें, वर्ना परेशानियों में उलझ सकते हैं।
यात्रा की योजना बन सकती है।
व्यापार में लाभ हो सकता है।
मकर राशि
लाभ के योग बन रहे हैं।
भूमि - भवन से संबंधित कामों पूरे हो सकते हैं।
परिवार में सुखद वातावरण बना रहेगा।
कुंभ राशि
निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी।
अभी जो निर्णय लेंगे, उनसे भविष्य में लाभ हो सकता है।
परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।
संतान से सुख मिलेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
मीन राशि
प्रमोशन और धन लाभ के योग बन सकते हैं।
घर - परिवार और समाज में मान - सम्मान बना रहेगा।
अटके काम पूरे हो सकते हैं।
बुध ग्रह के लिए कर सकते हैं ये शुभ काम
बुधवार को हरे वस्त्र पहनकर बुध ग्रह की पूजा करें।
पूजा में बुध के मंत्र ऊँ बुं बुधाय नमः का जप करें।
पूजा के बाद हरे मूंग का दान करें।
जय द्वारकाधीश ........., जय श्रीकृष्णा....... , हर हर महादेव ..........,
PANDIT PRABHULAL P. VORIYA RAJPUT JADEJA KULL GURU :-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:- -: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
SHREE SARSWATI JYOTISH KARYALAY
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....