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जय द्वारकाधीश
।। श्री यजुर्वेद श्री ऋग्वेद और श्री भविष्यपुराण श्रीमद्भागवत के अनुसार विश्व युद्ध का आगमन हो चुका तो वेद पुराणों ज्योतिष भविष्यवाणी के फल ।।
श्री यजुर्वेद श्री ऋग्वेद श्री भविष्यपुराण और श्रीमद्भागवत के अनुसार तीसरा विश्व युद्ध आरम्भ हो चुका है तो क्या कहते है वेदों के आधारित ज्योतिषीय भविष्यवाणी क्या कहती है ।
अंखड भारत के इतिहास को वेद पुराणों के दृष्टि से देखे तो जब जब कोई मनुष्य की साजिश षड्यंत्रों की होनारत भारत भी आये थे।
वही सभी साजिश कर्ता वाली होनारतो बाद अंग्रेज के साशन काल हो या मुगलो के सामाज्य वाले अफगानिस्तान आज के पाकिस्तान के रास्ते और भारत की भूमि कश्मीर में आ रहे थे ।
जबतक हमारे अंखड भारत की धरती पर मुगलो के शाशन साम्राज्य या अंग्रेजो के शाशन सम्राज्य नही था उसी के पहले कन्याकुमारी से कश्मीर और कश्मीर से अफगानिस्तान के कंधार उसके बाद चीन नेपाल श्रीलंका बांग्लादेश सहित अन्य बहुत छोटे बड़े देशो की गणना अंखड भारत की धरती की ही पहचान में किया जाती थी ।
श्रीयजुर्वेद श्री ऋग्वेद और श्री भविष्यपुराण श्री विष्णुपुराण के आधारित देखे तो यह पूर्ण भूमि अंखड भारत सनातन हिन्दू धर्म संस्कृति की पहचान समान और यहाँ के गुरुकुलों में ही गुरुशिक्षा में ऋषियों साधु संतों से ही आर्युवेदिक ज्योतिष व् नक्षत्र विज्ञानं की शिक्षा ली जाती थी ।
उसी समय पूरा विश्व के अंदर भारत की पुष्ट भूमि अंखड भारत के नाम से जानी जाती थी उसी समय विश्व मे भारत की शिक्षा नंबर वन पर ऐसे बनी रही थी कि अंखड भारत बहुत छोटे छोटे राज्यों में विकसित थे सभी गुरुकुलो में गुरुकुल द्वारा दिये जाने वाली शिक्षा संस्कृत और मातृभाषा के ऊपर ही निर्धारित थी उसी समय में भारत मे मुख्य भाषा बोलने चलने में और मातृभाषा की उपयोगिता ज्यादातर मुख्य संस्कृत भाषा का ही महत्वपूर्ण था ।
जब की पूर्व में पहले मुगल शाशन सम्राज्य की शुरुआत हुई थी तो अंखड भारत मे सनातन विश्व हिन्दू संस्कृति के नाबूत करने का कार्यवाही शुरुआत साम दाम दंड भेद प्रथा पर हो चुकी थी ।
उसके बाद तो एक अंग्रेज डाक्टर भारत आये थे । वही अंग्रेज डॉक्टर के मुताबित तो भारत कही दर्जे आगे ही था उसने हमारे यहां सन् 1876 के बाद ये सबकुछ देख लिए सोच समझ कर ही यहां के हमारे ऋषियों साधु संतों द्वारा जो जगलो की जड़ीबूटी के आधारित आर्युवेदिक भंडार खगोलीय ज्ञान के आधारित ज्योतिष नक्षत्रो के आधारित काल गणना पर गहरा अनुभव प्राप्त कर लिए उसके बाद यहां अंखड भारत की ऑंखड़ता पर अंग्रेजो के शाहन के साम्रज्य में हमारी मुख्य भाषा संस्कृत भाषा को ही क्षीन भिन करके अंग्रेजी मुख्य भाषा का जोर लगवाना शुरू कर दिये गए हमारा अंझड भारत की ऑंखड़ता कहि देशो में अलग अलग टुकड़ो में बटना शुरू हुवे थे ।
आज के समय का विश्व युद्ध :
आज के समय का वर्तमान परिस्थितियों में
विश्व की राजनैतिक स्थिति के बारे में भविष्यवाणी के कुछ अंश ये है ।
की एक महायुद्ध विश्वयुद्ध की कगार पर दुनिया बैठी होगी ।
आपलोग जैसा की देख रहे है पिछले पांच सात वर्षों से लगातार दुनिया मे क्या हो रहा है भारत पर लगातार चीन पाकिस्तान से युद्द का खतरा बना हुआ है ।
पाकिस्तान में गृह युद्ध के हालत है अफगानिस्तान में तालिबान युद्ध ,चीन और ताईवान के मध्य द्विप को लेकर युद्ध के हालात ईराक सीरिया मे गृहयुद्ध जारी ।
इज्राइल फलिस्तीन, रूस व् टर्की, यूक्रेन को लेकर पूरे विश्व मे तनाव, और नाइजीरिया मे जबरदस्त गृहयुद्ध व् कई अफ्रीकी देशों मे आपसी लडाईयां या गृहयुद्ध चल रहे है ।
इसी स्थिति में हमारा श्री भविष्यपुराण क्या कहता है :
श्रीभविष्य पुराण श्री रामचरितमानस कहते हैं शुक्राचार्य आश्रम में जब सूर्पनखा की नाक कटाई हो जाने के बाद खुद के मुह देह अंग छुपाने के लिए के पूर्ण वस्त्रो का धारण कर लिए थे ।
सूर्पनखा खुद सामने से किसी पुरूष की आबरू पर पहले लांछन लगाने गए बाद बदला की भावना की ओर से शुक्राचार्य के साथ नया महजबी सामाज्य की शुरुआत कर दिया उसी आधारित ही और महजबी में शुक्रो का नेता ( इस्लाम को हमारे पुराणों शुक्र कहते हैं ) पैगम्बर के नाम वाला ( महमद या अब्राहम- वर्तमान ईसिस के मुखिया के नाम का पहला शब्द अब्राहम है ) एक क्रूर कुख्यात आदमी जो खुद को खलीफा घोषित कर मेसोपोटामिया ( आधुनिक इराक़, सीरिया तथा ईरान के क्षेत्र शामिल हैं ) का तानाशाह बनेगा।
उसके कई महाशक्तिशाली दोस्त देश ( जैसा की दिख रहा है की अमेरिका व् चीन हो सकते है अमेरिका तेल के लिए व् चीन की महत्वाकांक्षा तेल व् साम्राज्य विस्तार ) होंगे जो की लाखो की संख्या में उसे सैनिक सहायता देंगे और वह इतना कोहराम मचायेगा की पर्शिया, तुर्की, अरब प्रायद्वीप ( ईरान, टर्की व् सऊदी ) उसके कब्जे मे चले जाएंगे।
फिर वह अफ्रीका में घुसेगा बेबीलोन इजिप्ट ( मिश्र ) व् अन्य राज्यों को अपने गुलामो के सहायता कब्जे में करलेगा ।
शुक्रो का नेता इसके बाद चर्चो के लिए बुरे दिन लाएगा जब मंगल, सूर्य और शुक्र ग्रह सिंह राशि ( याद रखिये सिंहस्थ कुम्भ इसी वर्ष अप्रैल से आरम्भ है ) मे होंगे तब समुद्री लड़ाई में ईसाईयों को हरा देगा साथ ही एक साइबेरियाई देश की हार के बारे में भी लिखा है।
( जैसा की लगता है रुस जब यूरोपीय देश टर्की की ओर बढ़ेगा या कार्यवाही करेगा तब रूस की हार संभव है ) और पोप के देश सिसली ( इटली ) व् स्पेन पर कब्ज़ा कर लेगा ।
फिर जैसाः की मालूम ही है इराक के सबसे करीबी ( टर्की के बाद ) योरोपीय व् कमजोर यही दोनों देश है ।
लेकिन उसके बाद वह और उसके गुलाम ऐसी तबाही मचाएंगे की एक समय ऐसा होगा की फ़्रांस के लोग उसके गुलाम हो जायेगे ।
विश्व युद्ध भारत के लिए :
हमारे श्रीयुजवेंद् और श्री भविष्यपुराण के आधारित भारत में ख़तरनाक जंगली जानवर के नाम वाले ( सिंह या शेर ) शासक जिसकी तीन पुत्रियां होगी को, एक अधेड़ उम्र का बहुत ही गरीब परिवार का व्यक्ति जहाँ तीन समुद्र मिलते हो उस भूमि पर जन्मा होगा ( हिन्द महासागर, अरब सागर, बंगाल की खाड़ी - तमिलनाडु या हिन्द महासागर, अरब सागर, खम्बात या कच्छ की खाड़ी- गुजरात ) और जनता के सहयोग से उसे हटा कर खुद भारत का सत्ता हथिया लेगा ।
जिससे आरम्भ में भारत के लोग उससे बहुत ही नफरत करेंगे लेकिन बाद में जनता और बाकी सभी लोग उसे प्रेम करने लगेंगे कि वह जब ये कार्य की शुरुआत करेगा उसके बाद का अगले 20 साल तक भारत का शासक रहेगा।
इस सम्बन्ध में हमारे वेद पुराणों में भी यह भविष्यवाणी वर्तमान काल के भारत में प्रधानमंत्री की ही जीत के बारे में कई सौ साल पहले कर दी है ।
विश्व की राजनीतिक शक्तिओ ::
विश्व की राजनीती में भारत व् भारतीय नेतृत्व के दखल के बारे में भविष्यवाणी के कुछ अंश ये है ।
की जब पूरी दुनिया में हत्याओ व् रक्तपात का बोलबाला रहेगा और दुनिया का एक महासागर सूख कर रेगिस्तान बन जायेगा ( संभवतः विश्व का चौथा सबसे बड़ा अरैल सागर नासा NASA के अनुसार जो की आधे से ज्यादा सूख चूका है वर्तमान व् पुराना सेटेलाइट चित्र देखें )
श्री भविष्यपुराण श्रीमद्भागवत के अनुशार :
श्री यजुर्वेद के आधारित जब सन 2050 के आसपास का समय मे शुक्रो के खलीफा व् मंगोलों ( संभवतः चीन ) के आतंक से दुनिया त्रस्त हो जाएगी ।
श्री भविष्यपुराण के आधारित संसार के सबसे ताकतवर देश का जहाज समंदर में डूबा दिया जायेगा ।
तब सेन 2079 के बाद सारी दुनिया की जनता ईश्वर से प्रार्थना करेगी की कोई देव दूत भेजे और उसी समय पूरब का एक शासक जो की पगड़ी पहने व् माथे पर टीका या तिलक लगाये सर्वश्रेष्ठ देवताओ की भूमि से आएगा।
वह इतना तेज होगा की दुनिया में जहाँ भी लोग बुलाएंगे वो तत्काल प्रगट हो जायेगा ।
श्री भविष्यपुराण के आधारित देखे तो सेन 3100 के आसपास क्व समय जब संसार के सारे देशो के शासक उसकी बातें मानेंगे ।
फिर वो अपने अंतर आत्मा ईश्वर भगवान
ऋषि मुनि के आदेश से, सभी को एक साथ ले कर और एक बहुत बड़ी सेना और आश्चर्यजनक हथियारों के साथ दुष्टो का संहार करेगा सारे संसार की जनता को कैद व् प्रताड़ना से मुक्त करायेगा।
एक विनाशकारी युद्ध होगा उसके बाद धर्म की स्थापना कर के वह स्वर्णयुग लाएगा उसके नेतृत्व में भारत दुनिया में महाशक्तिशाली बन जाएगा यह व्यक्ति भारत की दिशा और दशा बदलकर रख देगा , लोग उसे देव दूत ही मनाने लगेंगे।
हमारे वेदों पुराणों पर गौरतलब है श्रीयजुर्वेद श्री अर्थवेद और श्री ऋग्वेद जैसा वेदों में गूढ़ वाणी के टुटक टुटक अंशो में सटीक गणना में भी वर्षो पूर्वे हमारे ऋषि मुनियों द्वारा रसायणिक और परमाणु हमलों, जैशा कि 9/11 हमले की भविष्यवाणी की थी, जो सच साबित हुईं।
श्रीभगवद् पुराण से महाभारत का संदर्भ देंखे तो 3140 ईसा पूर्व में कुरुक्षेत्र युद्ध समाप्त हो गया है, और 3102 ईसा पूर्व में कृष्ण अपना शरीर छोड़ देते है।
फिर कलियुग शुरू तब 2015 ई के हिसाब से कृष्ण के युग के समाप्त हुए 5117 साल हो गया।
कि दो काली युगों की वर्ष की संचयी संख्या है जो 2592, तो आप 2522 साल पर पहुंचें,72 साल हर युग का संधि वर्ष होता है ।
मतलब फिर से गोल्डन एरा आरम्भ होना है और इसी प्रकार के उल्लेख पुराण में जिसमे की योगी व शिव उपासक को भारत का प्रमुख शासक चिंन्हित किया गया है ।
जैसे सतयुग में ब्राह्मण हरिश्चंद्र ( शिव ), त्रेता में क्षत्रिय राम ( सूर्य ), द्वापर में वैश्य कृष्णा ( चन्द्र ), कलियुग में शूद्र नर ( इंद्र ) का शासन होना लिखित है ।
!!!!! शुभमस्तु !!!
🙏हर हर महादेव हर...!!
जय माँ अंबे ...!!!🙏🙏
पंडित राज्यगुरु प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जड़ेजा कुल गुर: -
श्री सरस्वति ज्योतिष कार्यालय
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Opp. Shri Satvara vidhyarthi bhuvn,
" Shri Aalbai Niwas "
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश....
जय जय परशुरामजी...🙏🙏🙏