https://www.profitablecpmrate.com/gtfhp9z6u?key=af9a967ab51882fa8e8eec44994969ec Astrologer: September 2012

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Friday, September 28, 2012

ગજકેસરી યોગ માં બનશે ..?

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........

जय द्वारकाधीश


ગજકેસરી યોગ 2025માં બનશે : મિથુન સહિત આ રાશિઓનું ભાગ્ય બદલાશે, ચંદ્ર - ગુરુનો વિશેષ સંયોગ , 

क्या दिनाक १५/११/२०१२ तक के समय विस्फोटक से ध्रुजी उठेगा .......? 

ગજકેસરી યોગ 2025માં બનશે : મિથુન સહિત આ રાશિઓનું ભાગ્ય બદલાશે, ચંદ્ર- ગુરુનો વિશેષ સંયોગ

ગજકેસરી યોગથી કઈ રાશિઓને ફાયદો થશે?





વર્ષ 2025ની શરૂઆતમાં ગુરુનું ગોચર ત્રણ રાશિઓ થશે. સામાન્ય રીતે ગુરુ ગ્રહ એક રાશિમાં લગભગ 12 મહિના સુધી રહે છે, 

પરંતુ વક્રી અને માર્ગી થવાના કારણે તેનો સંચાર 2025માં વૃષભ, મિથુન અને કર્ક રાશિમાં થશે. ગુરુના ગોચરથી નવા વર્ષમાં ગજકેસરી યોગ રચાશે. 

જ્યોતિષ શાસ્ત્ર અનુસાર ચંદ્ર અને ગુરુનો સંયોગ ખૂબ જ વિશેષ માનવામાં આવે છે. 

તો ચાલો જાણીએ કે ગજકેસરી યોગથી નવા વર્ષમાં કઈ રાશિઓને લાભ થશે.

28 મે 2025ના રોજ મિથુન રાશિમાં ગુરુ અને ચંદ્રનો સંયોગ થશે. 

આ રાશિના જાતકો માટે ગજકેસરી યોગ ખૂબ જ શુભ માનવામાં આવે છે. 

બૌદ્ધિક ક્ષમતા અને કાર્યક્ષમતા વધશે. 

આર્થિક સમસ્યાઓથી રાહત અને આર્થિક લાભ થશે. 

કરિયરમાં સફળતા મળશે. સાથે જ અંગત જીવન પણ સારું રહેશે. 

ધન રાશિમાં આ યોગ 7મા ભાવમાં બનશે. 

તેથી વેપારમાં સફળતા મળવાની સંભાવના છે. 

આધ્યાત્મિક પ્રગતિ થશે. ઉપરાંત, પરિવાર અને મિત્રો તરફથી સહયોગ મળશે. 

વિવાહ યોગ્ય લોકો માટે લગ્નની તકો રહેશે.

કુંભ રાશિ માટે ગુરુ ગ્રહનું ગોચર અને ગજકેસરી યોગ વિશેષ લાભકારી સાબિત થશે. 

સાડાસાતીના અંતિમ ચરણમાં ચાલી રહેલા જાતકોના કરિયરમાં પ્રગતિ થશે. 

આર્થિક લાભની સાથે સંતાન સુખની પણ સંભાવના રહેશે. 

તમને શિક્ષણમાં સફળતા મળશે. 

આર્થિક સ્થિતિ ઘણી સારી રહેશે.

क्या दिनाक १५/११/२०१२ तक के समय विस्फोटक से ध्रुजी उठेगा .......?


दिनाक : २१/०६/२०१२ से दिनाक : ०४/०८/२०१२ दरमियान मंगल – शनि कन्या राशी मे एक साथ बिराजमान था, 




दिनाक : १४/०८/२०१२ से दिनाक दिनाक : २८/०९/२०१२ दरमियान मंगल - शनि तुला राशि मे एक साथ बिराजमान था, 

मंगल – शनि एक ही राशि मे जुडा होते है, तो इस का श्लोक मे देखे तो


एक राशिगत श्र्वैव
भौम: सौरी यर्दाभवेत,
द्विमासं च भवेद  वृष्टि: !!

अथार्त ::: 

मंगल – शनि एक साथ होने से पुष्कल ज्यादा बारिश होती है बाद मे बिलकुल बारिश नही होती ये श्लोक ही प्रमाणे ये ही योग दरमियान ही बना था, 

उस योग मे देखे तो पूर्व भारत और उत्तरखंड एवं हिमाचल प्रदेश मे ज्यादा भारे बारिश का पुर आया था, 

दुश्ररी तरफ देखे तो मध्य प्रदेश और राजस्थान मे भी ज्यादा बारिश का पुर आया था, और अब भी आसाम, अरुणाचल, मे पुर कि परिस्थिति हो रही है, 

दिनाक : २८/०९/२०१२ तक शनि - मंगल एक साथ होने से देश मे किसी जगा पर ज्यादा बारिश पड़ती रहेगी, 

परंतु दिनाक : ०४/१०/२०१२ के दिन से मंगल – राहू कि युति हो रही है, हाल मे भी शनि तुला राशि मे है, 

मंगल दिनाल २९/०९/२०१२ शुक्रवार कि रात्री मे ०८/४३ (२०/४३/००) को तुला राशि छोड़ कर वृचिक राशि मे प्रवेश करेगा

राहू वृचिक राशि मे पहेले से ही बिराजमान है, वहा मंगल आने से मंगल – राहू का अंगारक योग होगा, 

वाही बहु ज्यादा विस्फोटक बनावो का जन्म देगा, मंगल धरती है, राहू धनधनाटी है, और इस को सादी रीत से देखे तो मंगल अग्नि है, 

राहू पवन है, तो इस मे राहू मगल को ज्यादा स्पोट्स करता है, 

ये पवन आग को ज्यादा स्पोट्स करने मे आग बहु लगती है, 

तो अक्स्मतो करता है विस्फोटो करता है, 

इस मे ज्यादा उड़े से देखे तो मंगल अग्नि है, 

राहू गुप्त काव्त्रा और आंतकवादी जेसा मलेच्छ ग्रह है, 

जब मंगल पोलिश या सैनिक है, 

मंगल बारूद है, मंगल सुरंग है, मंगल बोम्ब है, मंगल आगबोट है, मंगल आगगाडी है, तो सामने राहू गुप्त कव्त्रा के ग्रह है, राहू भूल और भ्रमण करवा कर अक्स्मातो करता है,

ये सब दिनाक : २८/०९/२०१२ से दिनाक : ०९/११/२०१२ तक इस मे खास करके दिनाक : ०४/१०/२०१२ आसपास के देश दुनिया मे विस्फोटक बनावो और भीषण अक्स्मतो बनेगा, 

इस मे ट्रेन के लगती दुर्घटना भी सामने आसक्ति है, 

प्लेन केश मे भी बड़ी जानहानि होने का समाचार मिलेगा, आंतकवादी हुमला से देश कि सरहद पर फायरिग भी बनेगा, दो ट्रेनों या दो आगबोटो या दो प्लेनों का ट्क्कर बन शक्ति है, 

किसी जगा पर सीरियल ब्लास्ट का भी समाचार मिलेगा, किसी जगा पर सुशुप्त बनली धरती मे धमधमाटी होगी, 

अरबी समुद्र मे चक्रवात, लो प्रेशर जेशा बनेगा तो इस कि असर से पवन, वावाटोळ, के साथ ज्यादा बारिश आएगी, 

वायु तत्व तुला राशि मे राहू – मंगल पवन को बहु ज्यादा तोफानी बना शकता है, 

इस मे आगे देखे तो ईरान – इझरायेल का सबंधो मे संघर्ष पूर्ण बन शकता है, 

सुरंगो और गुप्त कव्त्रा से सैनिको हनाई शकता है, 

तोफानो, हड़तालो, लाठीचार्जो और संघर्षो या हिसा का बनावो बनेगा, 

इस्लामिक देशो मे ज्यादा अँधा धुंधी अराजकता और हिसा का ज्यादा बनावो बनेगा, दारूगोलों भरेल ट्रेन या ट्रंक मे, ओइल टेंकरों मे विस्फोट हो शकता है, 

किसी जगा पर सूती धरती पर भूकम्प आयेगा, पेट्रोलियम के कुवाओ मे तेलक्षेत्रो के किसी जगा पर आग लागेगी,

राहू – मंगल के अंगारक योग से आज ( दिनाक : २८/०९/२०१२ ) से ऐसा सब समाचार टी.वी.मे हेड लाइन या ब्रेकिंग न्युझ बनेगा, खास कर के मुस्लिम देशो मे परिस्थिति ज्यादा होगी, 

दुनिया का देशो की सरहदों तंग वार्तावर्ण अंगारक योग के कारण बनता है, 

ट्रेन पुल पर से निचे गिर जा शक्ति है, विमानों निचे पड़ जाना, ट्रंक – ट्रेन का अकस्मात एक से ज्यादा बाद होगा,

दिनाक : २८/०९/२०१२ से दिनाक : ०९/११/२०१२ तक मंगल – राहू एक ही राशि मे रहेगा इस दरमियान मे दिनाक : ०४/१०/२०१२ का दिन मे राहू – मंगल की युति भी होती है, और दिनाक : ०३/१०/२०१२ से दिनाक : २१/१०/२०१२ राहू और मंगल दोनों एक ही नक्षत्र मे भ्रमण करेगा,

ये रीते देखे तो दिनाक : २८/०९/२०१२ से दिनाक : ०९/११/२०१२ तक के समय मे मंगल – राहू एक ही राशि मे होने से अंगारक योग बना रहेता है, 

इस मे भी दिनाक : २५/१०/२०१२ के दिन सूर्य – शनि की युति होगी,

दिनाक : १७/१०/२०१२ के दिन वहेली सुबह ०४/४९/०० समय को सूर्य तुला राशि मे आने से शनि सूर्य तुला राशि मे एक साथ होगा, 

इस दरमियान दिनाक : २५/१०/२०१२ दोनों ग्रह की युति भी होगी,

ज्योतिष शात्र अनुशार एक दुशरा का शत्रु ग्रहों माना जाता है, 

उश्ररी तरह देखे तो पिता पुत्र एक ही राशि मे जुडा होने से देश और दुनिया के लिए अच्छा नही होगा, 

सूर्य और शनि का सबंधो केंद्र और राज्यो मे राजकीय प्रवाहिता देता है, 

सरकारों और प्रधान मंडल मे परिवर्तन देता है, और विश्व मे भूकम्प, पुर जैसी विनाशक आफतो भी देता है, 

राजकर्ताओ, नेताओ, उधोगपति, और गणमान्य व्यक्तिओ को पीड़ा देता है, 

मृत्युतुल्य कष्ट देता है,

जनरल लोगो की कुंडली मे देखे सूर्य – शनि एक साथ होने से मणका का रोगों और ह्दय रोग, चक्षु या मस्तक पीड़ा या ताव और दाठ जेशा रोगों देता है, 

तो इस मे खास सावधान रहेने की जरूरत है,  

मेरा अनुभव पर मुझे लगता है, दिनाक : १७/१०/२०१२ से दिनाक : १५/११/२०१२ तक तुला राशी मे सूर्य – शनि की युति होगी इस दरमियान मे खास करके दिनाक : २५/१०/२०१२ मे आसपास के दुनिया का देशो मे दुश्ररी बार पुर, प्रकोपों, किसी जगा पर भूकंप चक्रवातो और सुनामी जैसा कुदरती आफतो आयेगी, और किसी जगा पर राजकीय उथलपाथलो होगी, 

अमुक राज्यों मे या राष्ट्रों मे सरकारों बदल जाएगी, नेताओ गणमान्य प्रखियात व्यक्ति की मृत्युतुल्य पीड़ा होगी, और प्रधान मंडल मे बदलाव आएगा,

दिनाक : ०४/१०/२०१२ के दिन मे बुध पश्चिम दिशा मे उदय होता है, और दिनाक : ०८/१०/२०१२ शनि का अस्त किसी जगा पर ज्यादा बारिश और किसी जगा पर कम बारिश देता है, और किसी जगा पर भूकंप का भी अनुभव होगा, 

दिनाक : १०/१०/२०१२ का दिन अस्त का बुध भी बारिश और भूकंप पर पूरा असर करता है, और देखे तो दिनाक : १०/१०/२०१२ का दिन मे चित्रा नक्षत्र बेठता है, 

तो इस मे बारिश किसी जगा पर घेली बनकर ज्यादा पड़ती है, नदिया मे बहु जयादा पुर आएगा,

खास देखे तो दिनाक : १५/११/२०१२ के आसपास के दिन मे मानवसर्जित आफतो ज्यादा होगे, ऐसा ज्योतिष शास्त्र के मान्यता अनुशार कही शकता हु, 

इस समय के आसपास मे देश और दुनिया मे कुच्छ अजूगंतु बनेगा, कारण के ये समय दरमियान मे राहू – मंगल और सूर्य – शनि एक साथ होनेसे,

शनि – सूर्य के योग या युति को ज्योतिष शास्त्र मे विनाशक और भयंकर कहेता है, जिस के लिए एक श्लोक बताता है,

अर्क सौरी , भौम सौरी ,
तमस्सौरी जय मंगलौ,
गुरु सौरी महा योगो,
महिनाशाय कल्पते,
   
अर्थात ::: सूर्य के शनि, मंगल + शनि, गुरु + शनि और शनि + राहू का योग जब बनता है तब पृथ्वी पर महा विनाश होता है, शनि – मंगल कन्या राशी मे बाद तुला राशी मे भी पड़ा था, 

वाही समय गाला मे देखे तो मेने मेरा पुराना ब्लॉग मे मैने दिनाक : ०५/०७/२०१२ भी लिखा था, आसाम – बिहार, उत्तर भारत, राजस्थान और मध्य प्रदेश मे विनाशक पूर, चीन फिलिपाइन्स, इग्लेंड और अफ्धानिस्तान मे भी विनाशक पुर का और अमेरिका मे विनाशक चक्रवातो और चीन, इरान मे विनाशक भूकंप का अनुभव दिखा दिया हम सब ने देखा था,

अब मंगल – शनि साथ मे नही है, लेकिन दिनाक : २८/०९/२०१२ से राहू – मंगल और दिनाक : १७/१०/२०१२ से १५/११/२०१२ तक शनि – सूर्य एक ही घर मे बैठेगे जिस में काल देवता और राजकीय देवता का विनाश लीला दुनिया को दिखाय देगी,

देखे तो इस का अर्थ एसा नही है मानवी सामान्य जीवन मे बाधा रूपी अवरोधों आएगा जीवन जीने मे तक्लिप आएगी, मेरा अनुमान अनुशार एसा नही है सम्पूर्ण दुनिया का प्रलय नही आएगा, जहा आयेगा वहा आफत आयेगी, वाही भी खंडप्रलय का अनुभव करा येगा, दुश्ररी जगा पर नोर्मल रीते जीवन चलता है एसा चलता रहेगा,

        दिनाक : २३/१२/२०१२ से शनि – राहू भी दोठ साल तक तुला राशि मे होगा, दोनों तामाशी ग्रह है, एकी राशि मे दोनों ग्रह एक साथ मिल जाने से तामस योग कहेता है, 

       इस की भी विनाशक अंधाधुंधी भरी असर देश दुनिया मे दिखा देगी, राजकीय अस्थिरता, हल्ताल, आंदोलनों, अराजकता देखा देगा, 

        आंतकवादी ज्यादा शिर उच्चा करेगा, भागलावादी परिबलो ज्यादा जोर मचा देगा, हित दुश्मनों की पीड़ा देगा, इस लिए आंतकवादीओ का खतरा ज्यादा आगे बठेगा, और दुनिया मे बड़ा बड़ा भूकम्पो और चक्रावातो दिखा देगा, आपका अपना पंडित प्रभुलाल पी. वोरिया, क्षत्रिय राजपूत जडेजा कुल गुरु का " जय द्वारकाधीश"
PANDIT PRABHULAL P. VORIYA RAJPUT JADEJA KULL GURU :-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
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(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
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नोट ::: ये मेरा शोख नही हे मेरा आजीविका हे, कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश..                     

Thursday, September 27, 2012

શુક્ર અને બુધ મળીને રચશે લાભ દ્રષ્ટિ યોગ:આ રાશિઓ માટે લાભ દ્રષ્ટિ યોગ ભાગ્યશાળી રહેવાથી નોકરી, વેપાર-ધંધામાં મળશે આર્થિક લાભ जन्म कुंडली मे पंचम और नवम स्थान का स्वामी का सबंध नाम और दाम देता है.....

सभी ज्योतिष मित्रों को मेरा निवेदन हे आप मेरा दिया हुवा लेखो की कोपी ना करे में किसी के लेखो की कोपी नहीं करता,  किसी ने किसी का लेखो की कोपी किया हो तो वाही विद्या आगे बठाने की नही हे कोपी करने से आप को ज्ञ्नान नही मिल्त्ता भाई और आगे भी नही बढ़ता , आप आपके महेनत से तयार होने से बहुत आगे बठा जाता हे धन्यवाद ........

जय द्वारकाधीश

શુક્ર અને બુધ મળીને રચશે લાભ દ્રષ્ટિ યોગ: આ રાશિઓ માટે લાભ દ્રષ્ટિ યોગ ભાગ્યશાળી રહેવાથી નોકરી, વેપાર-ધંધામાં મળશે આર્થિક લાભ 

जन्म कुंडली मे पंचम और नवम स्थान का स्वामी का सबंध नाम और दाम देता है.....


શુક્ર અને બુધ મળીને રચશે લાભ દ્રષ્ટિ યોગ:આ રાશિઓ માટે લાભ દ્રષ્ટિ યોગ ભાગ્યશાળી રહેવાથી નોકરી, વેપાર-ધંધામાં મળશે આર્થિક લાભ




શ્રી ઋગ્વેદ ના વેદિક જ્યોતિષ શાસ્ત્ર માં બુધને ગ્રહોનો રાજકુમાર કહેવામાં આવ્યો છે. જ્યારે શુક્રને ધન, ઐશ્વર્ય અને વૈભવનો કારક માનવામાં આવે છે. વેપાર-ધંધામાં આર્થિક લાભનો કારક કહેવાતો સ્વામી બુધ ધનના કારક શુક્ર સાથે વિશેષ યોગ રચવા જઈ રહ્યો છે.

વેદિક જ્યોતિષીય ગણતરી મુજબ, સાત દિવસ પછી એટલે કે 13 ડિસેમ્બરના રોજ, બુધ અને શુક્ર ગ્રહ એકબીજાથી 60 ડિગ્રી પર હાજર રહેશે. આવી સ્થિતિમાં, લાભ દ્રષ્ટિ નામનો વિશેષ યોગ બુધ અને શુક્ર સાથે બનશે, જે 12 રાશિઓ માટે અત્યંત શુભ અને ફાયદાકારક સાબિત થશે.

શુક્ર અને બુધનો લાભ દ્રષ્ટિ યોગ 13 ડિસેમ્બરે બુધ અને શુક્રનો લાભ દ્રષ્ટિ યોગ બનવા જઈ રહ્યો છે જેનો આ 3 રાશિઓના જાતકોને વિશેષ લાભ મળશે. જ્યોતિષ શાસ્ત્ર અનુસાર શુક્ર અને બુધની લાભ દ્રષ્ટિ રોજગારમાં ઉન્નતિ કરાવશે, સાથે ખર્ચાઓ પર બ્રેક લાગશે અને ધન ધાન્યમાં પણ વધારો થશે.


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શુક્ર અને બુધનો લાભ દ્રષ્ટિ યોગની 12 રાશિઓ પર અસરો


1  મેષ આ રાશિના લોકોનો પરિવાર અને મિત્રો સાથે સારો સમય પસાર થશે. આ સાથે, તમે તેમની સાથે ક્યાંક ફરવાનો પ્લાન પણ બનાવી શકો છો. કરિયરના ક્ષેત્રમાં પણ તમને ઘણો ફાયદો મળી શકે છે. તમને વિદેશમાં કામ કરવાની તક મળી શકે છે. આ સાથે, તમે તમારી પ્રગતિ સાથે પગારમાં વધારો જોઈ શકો છો. વેપારમાં પણ તમને ઘણો ફાયદો થવાની સંભાવના છે.

2 વૃષભ આ સમયગાળા દરમિયાન વૃષભ જાતકોને નાણાકીય ક્ષેત્રમાં લાભ મળી શકે છે. આ સિવાય કાર્યક્ષેત્રમાં પણ પ્રગતિમાં સફળતા મળી રહી છે. જે લોકો નવી નોકરી શોધી રહ્યા છે તેઓ પણ સફળતા મેળવી શકે છે. વિદ્યાર્થીઓ માટે આ સમય સારો રહેવાનો છે. તમને તમારી મહેનત પ્રમાણે પરિણામ મળશે. તેની સાથે વેપાર ક્ષેત્રે પણ આર્થિક લાભ થઈ શકે છે.

3  મિથુન આ રાશિના લોકો દ્વારા કરવામાં આવતી મહેનત હવે ફળ આપી શકે છે. તમને દરેક ક્ષેત્રમાં સફળતા અને લાભ મળી શકે છે. બુધનું સંક્રમણ પણ તમારી કારકિર્દીમાં મોટી ઉન્નતિ લાવી શકે છે. તમે જે કામ કરી રહ્યા છો તેનાથી કોઈ ઉચ્ચ અધિકારી ખુશ થઈ શકે છે. વેપારમાં પણ તમને ઘણો ફાયદો થઈ શકે છે. આ રાશિના લોકોને તમે તમારા વ્યવસાયમાં જે મહેનત કરી રહ્યા છો તેનાથી ઘણો ફાયદો થશે. આર્થિક સ્થિતિ સારી રહેશે.

4  કર્ક જાતકોને આ સમયગાળા દરમિયાન આર્થિક ક્ષેત્રે લાભના સંકેતો છે. ઉપરાંત, કાર્યસ્થળમાં સારા પ્રદર્શનને કારણે આર્થિક ક્ષેત્રમાં પ્રમોશન અથવા પ્રગતિ થઈ શકે છે. આવકના નવા સ્રોત પણ મળી શકે છે, જેનાથી આર્થિક સ્થિતિમાં સુધારો થશે. વેપાર ક્ષેત્રે પણ વિસ્તરણના સંકેતો છે અને તેનાથી ભવિષ્યમાં ફાયદો થઈ શકે છે.

5  સિંહ રાશિના જાતકોને નોકરીની ઘણી ઓફર મળી શકે છે. તમે તમારી આર્થિક સ્થિતિમાં પણ સુધારો જોશો. આ સમયે જે લોકોનું કામ ગણિત, માર્કેટિંગ, ભાષણ, મીડિયા અને બેંકિંગ ક્ષેત્ર સાથે સંબંધિત છે તેમને વિશેષ લાભ થઈ શકે છે.

6  કન્યા આ સમયગાળા દરમિયાન તમને અટવાયેલા પૈસા મળી શકે છે. ઉપરાંત, આ સમયગાળા દરમિયાન, તમને વ્યવસાયમાં આવા ઘણા સોદા મળી શકે છે, જેનો તમને ભવિષ્યમાં ફાયદો થશે. નોકરી કરતા લોકોની પણ પ્રગતિ થશે. આર્થિક સ્થિતિ સારી રહેશે. અંગત જીવનમાં પણ ઘણી ખુશીઓ આવી શકે છે.

7  તુલા  આ રાશિના જાતકોને સુખ-સમૃદ્ધિની સાથે-સાથે ઘણો આર્થિક લાભ મળવાની સંભાવના છે. કરિયરના ક્ષેત્રમાં તમને લાભ મળી શકે છે. કામના સંબંધમાં તમે થોડી યાત્રાઓ કરી શકો છો. પરંતુ આ તમારી કારકિર્દીને પ્રોત્સાહન આપી શકે છે. વેપારના ક્ષેત્રમાં પણ તમને ઘણો લાભ મળી શકે છે. તમે સારી કમાણી કરવામાં સફળ થઈ શકો છો.

8  વૃશ્ચિક રાશિના જાતકોને કરિયરમાં સુવર્ણ તકો મળી શકે છે. જૂના મિત્રની મદદથી તમને નવી નોકરીની ઓફર મળી શકે છે. પરીક્ષાનું પરિણામ તમારા પક્ષમાં હોઈ શકે છે કારણ કે સમય સાનુકૂળ છે. મહેનત કરવામાં શરમાશો નહીં. તમારાં યશ અને કીર્તિમાં વધારો થશે. તમારા પૈસામાં વધારો થશે. ધન સંચય પહેલાં કરતાં સારો રહેશે.

9  ધન ધંધો અને આવક વધશે. વેપારમાં લાભ થશે. આવકમાં વધારો થશે. નોકરીમાં તમને સફળતા મળશે. નાણાકીય લાભ થવાની સંભાવના છે. સંબંધ અને પારિવારિક જીવન ખુશહાલ રહેશે. વિદ્યાર્થીઓને ઉચ્ચ શિક્ષણ માટે સારી તકો મળશે. સ્વાસ્થ્ય તરફથી સહયોગ મળશે. ધાર્મિક કાર્યોમાં રસ વધશે. તમારી પ્રતિષ્ઠામાં વધારો થશે.

10  મકર આ સમયગાળા દરમિયાન તમને તમારા કાર્ય અને વ્યવસાયમાં નોંધપાત્ર પ્રગતિ મળી શકે છે. આ સમય દરમિયાન, નોકરી કરતા લોકોને કાર્યસ્થળ પર નવી જવાબદારીઓ મળી શકે છે.

11 કુંભ રાશિના લોકો જે રોકાણ કરવા ઇચ્છે છે તેઓ રોકાણ કરેલા પૈસાથી બમણો ફાયદો મેળવી શકે છે. સાથે જ આ સમય દરમિયાન તમે કામ અથવા વ્યવસાય માટે મુસાફરી કરી શકો છો, જે શુભ રહેશે. આ સમયે તમે ધાર્મિક અને શુભ કાર્યક્રમોમાં ભાગ લઈ શકો છો.

12  મીન તમારે તમારી વાણી પર નિયંત્રણ રાખવું પડશે નહીંતર વાદ-વિવાદની સ્થિતિ સર્જાઈ શકે છે. આ તમારા કામ અને સંબંધોને અસર કરી શકે છે. આ દરમિયાન તમે કોઈ વિવાદમાં પડી શકો છો. આવી સ્થિતિમાં તમારે તમારા વર્તન પર પણ નિયંત્રણ રાખવું પડશે. એવું કામ ન કરો કે તે તમારી વિરુદ્ધ જાય. 


जन्म कुंडली मे पंचम और नवम स्थान का स्वामी का सबंध नाम और दाम देता है.....



लक्ष्मी स्थानं त्रिकोणकम् तदिश योशच
सम्बधाद्राज्योगह पुरोदित

अर्थात _::: त्रिकोण स्थान वही लक्ष्मी स्थान है, पचम स्थान, नवम स्थान त्रिकोण स्थान है, इस मे ये स्थानों का स्वामीऔ के सबंध जातक को राजा बनता है, हम कभी कभी ऐसा अनुभव करते है, 

जुड़वाँ बालक कि सेम कुंडली होती है लेकिन भाग्य अलग अलग होता है, तभी आवश्य मानना पड़ता है, 

पूर्व जन्म के संचित कर्मो का आधार से हाल के जन्म का भाग्य का निर्माण रचता है, 

ये विषय मे सब मनुष्य को मानना या न मानना व्यक्तिगत बुध्धि और विचारो स्वतंत्र होता है,

किसी भी जातक का भाग्य कर्म के आधीन होता है, 

परंतु नारदसंहिता, भृगुसंहिता या गर्गसंहिता जैशा ज्योतिष शास्त्र का किसी भी पुराणों मे देखे तो पूर्व जन्म के सूचित कर्मो मे विश्वास करना सुचन करता है, 

एटले के  मानव जन्म ये हाल का चालू जन्म मे भी पूर्व जन्म के संचित कर्म द्वारा वही आत्मा का जन्म होता है, और भ्रह्माड मे घूमता आत्मा ये जन्म मे चोक्कस योनी प्राप्त करता है, 

इस के आधार पर भाग्य प्राप्ति होती है,

एटले पाचमा और नवमा स्थान ना समन्वय द्वारा महान विभूतिओ जगत मे जन्म लेता है, 

इस लिए जन्म कुंडली मे पाचमा और नवमा स्थान को विष्णु स्थान और लक्ष्मी स्थान के रूप से दिखा जाता है, 

ये स्थानों का समन्वय सबंध वही सफलता और भाग्यवृध्धि तरफ जाने का रिश्ता है,                       
भारतीय सोफेटवेर उधोगो को जयादा प्रोत्साहन देनार और कोम्यूटर क्षेत्रे कांति आपनार भारत को विश्व का नकशा मे उच्च स्थान देनार और प्रखियात आंध्र प्रदेश का भू.पर्व . मुख्य मंत्री चन्द्र बाबू नायडू मिथुन लग्न कि कुंडली मे पंचम त्रिकोण स्थान का मालिक शुक्र नवमे स्थान मे है और नवम स्थान का स्वामी शनि तृतीय स्थान मे बेठ कर एक दुश्ररे के साथ द्रष्टि करता है,

उदाहरण

लग्न
सूर्य
चन्द्र
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
राहू
केतु
03
01
02
06
01
11
11
05
12
06
     

ये चन्द्र बाबू नायडू कि कुंडली मे पचंम और नवम स्थान का स्वामी का सिध्धा सबंध के हिशाब से नाम और दाम दोनों दीया है,
     
        बचपन मे जे बालक को ज्यादा तोल्फोल आदत होती है, वाही बालक उसकी जिद मिकेनिक्ल बनने का स्वप्न खेवने कि किसी भी तक्लिप उठा कर पूर्ण करता है, 

        बालक को जिद के खातिर पिता का घर भी छोड़ना पड़ा और युवानी मे ज्यादा कष्ट लभी उठाना पड़ा और शुरूआत मे एक सामान्य मिकेनिक्ल के साथ मामूली पगार कि नोकरी करता था, 

        बाद मे विश्व का सबसे बड़ा मोटर उधोग का मालिक बना है, वही हेनरी फोर्ड को कोण पहेचांता नही है,

उदाहरण

लग्न
सूर्य
चन्द्र
मंगल
बुध
गुरु
शुक्र
शनि
राहू
केतु
08
04
10
05
04
06
06
06
08
02
       
            
        ये वृचिक लग्न कि कुंडली है, इस मे पचम स्थान का मालिक ग्रह गुरु लाभ स्थान (अगियारमा स्थान ) मे बेठा है, और लाभ स्थान ( अगियारमा स्थान ) का मालिक भाग्य स्थान ( नवम स्थान ) मे सूर्य  – बुध कि युति मे बेठा है, और पूर्ण द्रष्टि करता है , 

        और नवम स्थान का मालिक चन्द्र तृतीय स्थान मे बिराजमान है, 

        इस के पर पचम द्रष्टि से शनि भी देखता ये हेडरी फोर्ड का नाम दाम पर कोई शंका के बे मत नही है,

किसी भी कुंडली देखो फिल्म गिरी के बेताज बादशाह आमिताभबच्न, उधोगपति के बादशाह रामकृष्ण दालमिया, या क्रिकेट वल्ड कप मे जित का बादशाह भू.पूर्व केप्टन कपिलदेव कि कुंडली मे भी पाचंमा स्थान नवमा स्थान का स्वामीओ का सबंध अचूक दिखे देता है, 

ये सब के पास नाम और दाम सब मिलता आया है लेकिन पहेले बहु ज्यादा दुःख भी भोग्वना पड़ता है, बाद जीवन मे बहु अच्छा मिलता है, धन्यवाद "जय द्वारकाधीश "
पंडित प्रभुलाल पी. वोरिया क्षत्रिय राजपूत जडेजा कुल गुरु:-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
SHREE SARSWATI JYOTISH KARYALAY
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
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नोट ये मेरा शोख नही हे मेरा जॉब हे कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश..
राधे ........राधे ..... राधे .....राधे..... राधे .....राधे..... राधे .....राधे..... राधे .....राधे....        

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