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जय द्वारकाधीश
ગજકેસરી યોગ 2025માં બનશે : મિથુન સહિત આ રાશિઓનું ભાગ્ય બદલાશે, ચંદ્ર - ગુરુનો વિશેષ સંયોગ ,
क्या दिनाक १५/११/२०१२ तक के समय विस्फोटक से ध्रुजी उठेगा .......?
ગજકેસરી યોગ 2025માં બનશે : મિથુન સહિત આ રાશિઓનું ભાગ્ય બદલાશે, ચંદ્ર- ગુરુનો વિશેષ સંયોગ
ગજકેસરી યોગથી કઈ રાશિઓને ફાયદો થશે?
વર્ષ 2025ની શરૂઆતમાં ગુરુનું ગોચર ત્રણ રાશિઓ થશે. સામાન્ય રીતે ગુરુ ગ્રહ એક રાશિમાં લગભગ 12 મહિના સુધી રહે છે,
પરંતુ વક્રી અને માર્ગી થવાના કારણે તેનો સંચાર 2025માં વૃષભ, મિથુન અને કર્ક રાશિમાં થશે. ગુરુના ગોચરથી નવા વર્ષમાં ગજકેસરી યોગ રચાશે.
જ્યોતિષ શાસ્ત્ર અનુસાર ચંદ્ર અને ગુરુનો સંયોગ ખૂબ જ વિશેષ માનવામાં આવે છે.
તો ચાલો જાણીએ કે ગજકેસરી યોગથી નવા વર્ષમાં કઈ રાશિઓને લાભ થશે.
28 મે 2025ના રોજ મિથુન રાશિમાં ગુરુ અને ચંદ્રનો સંયોગ થશે.
આ રાશિના જાતકો માટે ગજકેસરી યોગ ખૂબ જ શુભ માનવામાં આવે છે.
બૌદ્ધિક ક્ષમતા અને કાર્યક્ષમતા વધશે.
આર્થિક સમસ્યાઓથી રાહત અને આર્થિક લાભ થશે.
કરિયરમાં સફળતા મળશે. સાથે જ અંગત જીવન પણ સારું રહેશે.
ધન રાશિમાં આ યોગ 7મા ભાવમાં બનશે.
તેથી વેપારમાં સફળતા મળવાની સંભાવના છે.
આધ્યાત્મિક પ્રગતિ થશે. ઉપરાંત, પરિવાર અને મિત્રો તરફથી સહયોગ મળશે.
વિવાહ યોગ્ય લોકો માટે લગ્નની તકો રહેશે.
કુંભ રાશિ માટે ગુરુ ગ્રહનું ગોચર અને ગજકેસરી યોગ વિશેષ લાભકારી સાબિત થશે.
સાડાસાતીના અંતિમ ચરણમાં ચાલી રહેલા જાતકોના કરિયરમાં પ્રગતિ થશે.
આર્થિક લાભની સાથે સંતાન સુખની પણ સંભાવના રહેશે.
તમને શિક્ષણમાં સફળતા મળશે.
આર્થિક સ્થિતિ ઘણી સારી રહેશે.
क्या दिनाक १५/११/२०१२ तक के
समय विस्फोटक से ध्रुजी उठेगा .......?
दिनाक : २१/०६/२०१२ से दिनाक :
०४/०८/२०१२ दरमियान मंगल – शनि कन्या राशी मे एक साथ बिराजमान था,
दिनाक :
१४/०८/२०१२ से दिनाक दिनाक : २८/०९/२०१२ दरमियान मंगल - शनि तुला राशि मे एक साथ
बिराजमान था,
मंगल – शनि एक ही राशि मे जुडा होते है, तो इस का श्लोक मे देखे तो
एक राशिगत श्र्वैव
भौम: सौरी यर्दाभवेत,
द्विमासं च भवेद वृष्टि: !!
अथार्त :::
मंगल – शनि एक साथ होने से
पुष्कल ज्यादा बारिश होती है बाद मे बिलकुल बारिश नही होती ये श्लोक ही प्रमाणे ये
ही योग दरमियान ही बना था,
उस योग मे देखे तो पूर्व भारत और उत्तरखंड एवं हिमाचल
प्रदेश मे ज्यादा भारे बारिश का पुर आया था,
दुश्ररी तरफ देखे तो मध्य प्रदेश और
राजस्थान मे भी ज्यादा बारिश का पुर आया था, और अब भी आसाम, अरुणाचल, मे पुर कि
परिस्थिति हो रही है,
दिनाक : २८/०९/२०१२ तक शनि - मंगल एक साथ होने से देश मे किसी
जगा पर ज्यादा बारिश पड़ती रहेगी,
परंतु दिनाक : ०४/१०/२०१२ के दिन से मंगल
– राहू कि युति हो रही है, हाल मे भी शनि तुला राशि मे है,
मंगल दिनाल २९/०९/२०१२
शुक्रवार कि रात्री मे ०८/४३ (२०/४३/००) को तुला राशि छोड़ कर वृचिक राशि मे प्रवेश
करेगा
राहू वृचिक राशि मे पहेले से ही
बिराजमान है, वहा मंगल आने से मंगल – राहू का अंगारक योग होगा,
वाही बहु ज्यादा
विस्फोटक बनावो का जन्म देगा, मंगल धरती है, राहू धनधनाटी है, और इस को सादी रीत
से देखे तो मंगल अग्नि है,
राहू पवन है, तो इस मे राहू मगल को ज्यादा स्पोट्स करता
है,
ये पवन आग को ज्यादा स्पोट्स करने मे आग बहु लगती है,
तो अक्स्मतो करता है
विस्फोटो करता है,
इस मे ज्यादा उड़े से देखे तो मंगल अग्नि है,
राहू गुप्त
काव्त्रा और आंतकवादी जेसा मलेच्छ ग्रह है,
जब मंगल पोलिश या सैनिक है,
मंगल बारूद
है, मंगल सुरंग है, मंगल बोम्ब है, मंगल आगबोट है, मंगल आगगाडी है, तो सामने राहू
गुप्त कव्त्रा के ग्रह है, राहू भूल और भ्रमण करवा कर अक्स्मातो करता है,
ये सब दिनाक : २८/०९/२०१२ से दिनाक :
०९/११/२०१२ तक इस मे खास करके दिनाक : ०४/१०/२०१२ आसपास के देश दुनिया मे विस्फोटक
बनावो और भीषण अक्स्मतो बनेगा,
इस मे ट्रेन के लगती दुर्घटना भी सामने आसक्ति है,
प्लेन केश मे भी बड़ी जानहानि होने का समाचार मिलेगा, आंतकवादी हुमला से देश कि
सरहद पर फायरिग भी बनेगा, दो ट्रेनों या दो आगबोटो या दो प्लेनों का ट्क्कर बन
शक्ति है,
किसी जगा पर सीरियल ब्लास्ट का भी समाचार मिलेगा, किसी जगा पर सुशुप्त
बनली धरती मे धमधमाटी होगी,
अरबी समुद्र मे चक्रवात, लो प्रेशर जेशा बनेगा तो इस
कि असर से पवन, वावाटोळ, के साथ ज्यादा बारिश आएगी,
वायु तत्व तुला राशि मे राहू –
मंगल पवन को बहु ज्यादा तोफानी बना शकता है,
इस मे आगे देखे तो ईरान – इझरायेल का
सबंधो मे संघर्ष पूर्ण बन शकता है,
सुरंगो और गुप्त कव्त्रा से सैनिको हनाई शकता
है,
तोफानो, हड़तालो, लाठीचार्जो और संघर्षो या हिसा का बनावो बनेगा,
इस्लामिक
देशो मे ज्यादा अँधा धुंधी अराजकता और हिसा का ज्यादा बनावो बनेगा, दारूगोलों भरेल
ट्रेन या ट्रंक मे, ओइल टेंकरों मे विस्फोट हो शकता है,
किसी जगा पर सूती धरती पर
भूकम्प आयेगा, पेट्रोलियम के कुवाओ मे तेलक्षेत्रो के किसी जगा पर आग लागेगी,
राहू – मंगल के अंगारक योग से आज (
दिनाक : २८/०९/२०१२ ) से ऐसा सब समाचार टी.वी.मे हेड लाइन या ब्रेकिंग न्युझ
बनेगा, खास कर के मुस्लिम देशो मे परिस्थिति ज्यादा होगी,
दुनिया का देशो की
सरहदों तंग वार्तावर्ण अंगारक योग के कारण बनता है,
ट्रेन पुल पर से निचे गिर जा
शक्ति है, विमानों निचे पड़ जाना, ट्रंक – ट्रेन का अकस्मात एक से ज्यादा बाद
होगा,
दिनाक : २८/०९/२०१२ से दिनाक :
०९/११/२०१२ तक मंगल – राहू एक ही राशि मे रहेगा इस दरमियान मे दिनाक : ०४/१०/२०१२
का दिन मे राहू – मंगल की युति भी होती है, और दिनाक : ०३/१०/२०१२ से दिनाक :
२१/१०/२०१२ राहू और मंगल दोनों एक ही नक्षत्र मे भ्रमण करेगा,
ये रीते देखे तो दिनाक : २८/०९/२०१२ से
दिनाक : ०९/११/२०१२ तक के समय मे मंगल – राहू एक ही राशि मे होने से अंगारक योग
बना रहेता है,
इस मे भी दिनाक : २५/१०/२०१२ के दिन सूर्य – शनि की युति होगी,
दिनाक : १७/१०/२०१२ के दिन वहेली सुबह ०४/४९/००
समय को सूर्य तुला राशि मे आने से शनि सूर्य तुला राशि मे एक साथ होगा,
इस दरमियान
दिनाक : २५/१०/२०१२ दोनों ग्रह की युति भी होगी,
ज्योतिष शात्र अनुशार एक दुशरा का शत्रु
ग्रहों माना जाता है,
उश्ररी तरह देखे तो पिता पुत्र एक ही राशि मे जुडा होने से
देश और दुनिया के लिए अच्छा नही होगा,
सूर्य और शनि का सबंधो केंद्र और राज्यो मे
राजकीय प्रवाहिता देता है,
सरकारों और प्रधान मंडल मे परिवर्तन देता है, और विश्व
मे भूकम्प, पुर जैसी विनाशक आफतो भी देता है,
राजकर्ताओ, नेताओ, उधोगपति, और
गणमान्य व्यक्तिओ को पीड़ा देता है,
मृत्युतुल्य कष्ट देता है,
जनरल लोगो की कुंडली मे देखे सूर्य –
शनि एक साथ होने से मणका का रोगों और ह्दय रोग, चक्षु या मस्तक पीड़ा या ताव और
दाठ जेशा रोगों देता है,
तो इस मे खास सावधान रहेने की जरूरत है,
मेरा अनुभव पर मुझे लगता है, दिनाक :
१७/१०/२०१२ से दिनाक : १५/११/२०१२ तक तुला राशी मे सूर्य – शनि की युति होगी इस
दरमियान मे खास करके दिनाक : २५/१०/२०१२ मे आसपास के दुनिया का देशो मे दुश्ररी
बार पुर, प्रकोपों, किसी जगा पर भूकंप चक्रवातो और सुनामी जैसा कुदरती आफतो आयेगी,
और किसी जगा पर राजकीय उथलपाथलो होगी,
अमुक राज्यों मे या राष्ट्रों मे सरकारों
बदल जाएगी, नेताओ गणमान्य प्रखियात व्यक्ति की मृत्युतुल्य पीड़ा होगी, और प्रधान
मंडल मे बदलाव आएगा,
दिनाक : ०४/१०/२०१२ के दिन मे बुध
पश्चिम दिशा मे उदय होता है, और दिनाक : ०८/१०/२०१२ शनि का अस्त किसी जगा पर
ज्यादा बारिश और किसी जगा पर कम बारिश देता है, और किसी जगा पर भूकंप का भी अनुभव
होगा,
दिनाक : १०/१०/२०१२ का दिन अस्त का बुध भी बारिश और भूकंप पर पूरा असर करता
है, और देखे तो दिनाक : १०/१०/२०१२ का दिन मे चित्रा नक्षत्र बेठता है,
तो इस मे
बारिश किसी जगा पर घेली बनकर ज्यादा पड़ती है, नदिया मे बहु जयादा पुर आएगा,
खास देखे तो दिनाक : १५/११/२०१२ के आसपास
के दिन मे मानवसर्जित आफतो ज्यादा होगे, ऐसा ज्योतिष शास्त्र के मान्यता अनुशार कही
शकता हु,
इस समय के आसपास मे देश और दुनिया मे कुच्छ अजूगंतु बनेगा, कारण के ये
समय दरमियान मे राहू – मंगल और सूर्य – शनि एक साथ होनेसे,
शनि – सूर्य के योग या युति को ज्योतिष
शास्त्र मे विनाशक और भयंकर कहेता है, जिस के लिए एक श्लोक बताता है,
अर्क सौरी , भौम सौरी ,
तमस्सौरी जय मंगलौ,
गुरु सौरी महा योगो,
महिनाशाय कल्पते,
अर्थात
::: सूर्य के शनि, मंगल + शनि, गुरु + शनि और शनि + राहू का योग जब बनता है तब
पृथ्वी पर महा विनाश होता है, शनि – मंगल कन्या राशी मे बाद तुला राशी मे भी पड़ा
था,
वाही समय गाला मे देखे तो मेने मेरा पुराना ब्लॉग मे मैने दिनाक : ०५/०७/२०१२
भी लिखा था, आसाम – बिहार, उत्तर भारत, राजस्थान
और मध्य प्रदेश मे विनाशक पूर, चीन फिलिपाइन्स, इग्लेंड और अफ्धानिस्तान मे भी
विनाशक पुर का और अमेरिका मे विनाशक चक्रवातो और चीन, इरान मे विनाशक भूकंप का अनुभव
दिखा दिया हम सब ने देखा था,
अब मंगल – शनि साथ मे नही है, लेकिन
दिनाक : २८/०९/२०१२ से राहू – मंगल और दिनाक : १७/१०/२०१२ से १५/११/२०१२ तक शनि –
सूर्य एक ही घर मे बैठेगे जिस में काल देवता और राजकीय देवता का विनाश लीला दुनिया
को दिखाय देगी,
देखे तो इस का अर्थ एसा नही है मानवी
सामान्य जीवन मे बाधा रूपी अवरोधों आएगा जीवन जीने मे तक्लिप आएगी, मेरा अनुमान
अनुशार एसा नही है सम्पूर्ण दुनिया का प्रलय नही आएगा, जहा आयेगा वहा आफत आयेगी,
वाही भी खंडप्रलय का अनुभव करा येगा, दुश्ररी जगा पर नोर्मल रीते जीवन चलता है एसा
चलता रहेगा,
दिनाक :
२३/१२/२०१२ से शनि – राहू भी दोठ साल तक तुला राशि मे होगा, दोनों तामाशी ग्रह है,
एकी राशि मे दोनों ग्रह एक साथ मिल जाने से तामस योग कहेता है,
इस की भी विनाशक अंधाधुंधी
भरी असर देश दुनिया मे दिखा देगी, राजकीय अस्थिरता, हल्ताल, आंदोलनों, अराजकता
देखा देगा,
आंतकवादी ज्यादा शिर उच्चा करेगा, भागलावादी परिबलो ज्यादा जोर मचा
देगा, हित दुश्मनों की पीड़ा देगा, इस लिए आंतकवादीओ का खतरा ज्यादा आगे बठेगा, और
दुनिया मे बड़ा बड़ा भूकम्पो और चक्रावातो दिखा देगा, आपका अपना पंडित प्रभुलाल पी. वोरिया, क्षत्रिय
राजपूत जडेजा कुल गुरु का " जय द्वारकाधीश"
PANDIT PRABHULAL P.
VORIYA RAJPUT JADEJA KULL GURU :-
PROFESSIONAL ASTROLOGER EXPERT IN:-
-: 1987 YEARS ASTROLOGY EXPERIENCE :-
SHREE SARSWATI JYOTISH KARYALAY
(2 Gold Medalist in Astrology & Vastu Science)
" Shri Albai Nivas ", Near Mahaprabhuji bethak,
Opp. S.t. bus steson , Bethak Road,
Jamkhambhaliya - 361305 Gujarat – India
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करें...धन्यवाद..
नोट ::: ये मेरा शोख नही हे मेरा आजीविका हे,
कृप्या आप मुक्त सेवा के लिए कष्ट ना दे .....
जय द्वारकाधीश..